टिपरा मोथा पार्टी के मुखिया 28 फरवरी से आमरण अनशन करने का एलान
त्रिपुरा की जनजातीय आबादी को अधिकार देने की मांग को लेकर टिपरा मोथा पार्टी के मुखिया 28 फरवरी से आमरण अनशन करने का एलान कर चुके हैं। अब पार्टी चीफ प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने एलान किया है कि उनकी पार्टी का आंदोलन राजनीतिक नहीं होगा और उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे किसी पार्टी के कार्यकर्ता के तौर पर नहीं बल्कि टिपरासा होने के नाते आंदोलन को समर्थन दें।
‘यह टिपरासा की लड़ाई’
टिपरा मोथा पार्टी के मुखिया प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि ‘मैं आमरण अनशन के दौरान किसी पार्टी के झंडे नहीं देखना चाहता, यहां तक कि आमरण अनशन वाली जगह टिपरा मोथा के झंडे भी नहीं लगेंगे। वहां सिर्फ टिपरासा लोगों की भावनाएं होंगी। मेरे सभी समर्थकों को ये संदेश है कि वे हड़ताल में बतौर टिपरासा शामिल हों न कि किसी राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता के तौर पर। यह टिपरासा की लड़ाई है न कि किसी राजनीतिक पार्टी की।’
28 फरवरी से हताई कटार में शुरू होगा अनशन
टिपरा मोथा प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा पार्टी नेताओं और विधायकों के साथ टिपरा समुदाय के लोगों की समस्या के स्थायी संवैधानिक समाधान की मांग को लेकर 28 फरवरी से त्रिपुरा में आमरण अनशन शुरू करेंगे। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने रविवार को यह जानकारी दी। यह घोषणा देबबर्मा द्वारा मूल निवासियों की समस्या का समाधान करने में हो रही कथित देरी से नाखुश होकर आमरण अनशन शुरू करने की धमकी देने के एक दिन बाद आई है। यह अनशन पश्चिम त्रिपुरा जिले के हताई कटार में शुरू होगा। टिपरा मोथा पार्टी राज्य के आदिवासियों के लिए ग्रेटर टिपरालैंड राज्य और त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद को सीधे वित्त पोषण देने जैसे मांग कर रही है। साल 2022 में ग्रेटर टिपरालैंड की मांग पर चर्चा के लिए केंद्र सरकार ने वार्ताकार की नियुक्ति भी की थी। टिपरा मोथा का आरोप है कि समाधान में देरी हो रही है, जिससे नाराज होकर ही पार्टी ने भूख हड़ताल शुरू करने का एलान किया है।