एविएशन सेक्टर में निकलेगी बंपर वैकेंसी, ये एविएशन के प्रमुख कोर्स और सैलरी
एअर इंडिया द्वारा 470 विमानों के सौदे के बाद देश के एविएशन सेक्टर में विभिन्न स्तरों पर बड़ी संख्या में नई नौकरियां सृजित होने की उम्मीद से कुशल युवा अपने सपनों को उड़ान दे सकते हैं...
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से पेश की गई आकलन रिपोर्ट के अनुसार, हवाई यात्राओं की बढ़ती जरूरत को देखते हुए एविएशन के क्षेत्र में अगले 30 महीनों में करीब डेढ़ लाख नई नौकरियां सामने आएंगी, जहां अभी करीब 2.5 लाख लोग कार्यरत हैं। इतनी बड़ी संख्या में नौकरियां सृजित होने के पीछे एक कारण यह भी है कि भारत इस समय चीन और अमेरिका के बाद हवाई यात्रा मार्केट में तीसरे स्थान पर है और अगर इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आइएटीए) की मानें, तो साल 2030 तक भारत दुनिया में पहले नंबर पर होगा यानी भारत इस समय दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता हुआ एविएशन मार्केट है। इसका ताजा उदाहरण एअर इंडिया की नई डील के रूप में हमारे सामने है। इसी तरह इंडिगो, स्पाइसजेट, गो एयर, एयर एशिया, विस्तारा समेत दूसरी एयरलाइंस भी अपने विमानों की संख्या में लगातार विस्तार कर रही हैं। जाहिर है, इससे आने वाले दिनों में एविएशन सेक्टर में पायलटों के अलावा बड़ी संख्या में क्रू, मेंटिनेंस स्टाफ, इंजीनियर आदि की भी आवश्यकता होगी।
हाइलाइट्स
-6500 पायलटों की भर्ती होने की उम्मीद है आने वाले दिनों में नये विमानों की डील के बाद एअर इंडिया में।
-1.5 लाख नई नौकरियां आने वाली हैं देश के एविएशन सेक्टर में अगले दो वर्षों में।
(उड्डयन मंत्रालय के अनुसार)
-1200 से ज्यादा विमानों की खरीद होने वाली है जल्द ही देश की दूसरी एयरलाइनों की तरफ से।
-3 सरा सबसे बड़ा घरेलू एविएशन मार्केट है भारत इस समय पूरे विश्व में।
सरकार की ओर से विशेष प्रोत्साहन : केंद्र सरकार द्वारा देश के एविएशन सेक्टर को काफी प्रोत्साहित किया जा रहा है। घरेलू पर्यटन और उड़ानों को प्रोत्साहित किये जाने के साथ पिछले कुछ महीनों में इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। सबसे पहले सरकार की ओर से गत दिसंबर में 21 ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाने का फैसला लिया गया। इसके ठीक बाद देश के केंद्रीय बजट में 50 पुराने एयरपोर्ट के विकास का एलान किया गया। अभी कुछ दिन पहले एअर इंडिया के लिए अमेरिका की बोइंग तथा यूरोप की एअरबस के साथ 470 विमानों की डील में भी सरकार की बड़ी भूमिका देखी गई। बीते दिसंबर में ही सरकार ने संसद में बताया है कि आने वाले पांच वर्षों में वह एयरपोर्ट के विकास पर 98 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
विविध विकल्पों वाला क्षेत्र : एअर इंडिया की ओर से जिन 470 विमानों की खरीद की जानी है, उससे करीब 6500 नये पायलटों की जरूरत होगी। नए विमानों की खरीद होने पर इन पायलटों के अलावा ग्राउंड हैंडलिंग स्टाफ, एयर होस्टेस, इंजीनियर, सुरक्षा, बिक्री तथा प्रशासनिक समेत कई तरह की नौकरियां सामने आएंगी। माना जा रहा है कि एअर इंडिया समेत अन्य एयरलाइन कंपनियों द्वारा नये विमानों की खरीद से प्रत्यक्ष रोजगार के अलावा इससे संबंधित अन्य क्षेत्रों में भी लोगों को बड़़ी संख्या में रोजगार के मौके मिलेंगे। वैसे भी एविएशन सेक्टर में हमेशा से नौकरियों के काफी अवसर रहे हैं। अपनी रुचि के क्षेत्र में समुचित प्रशिक्षण और योग्यता हासिल करके इसमें आप पायलट और एयरहोस्टेस बनने के अलावा एयरक्राफ्ट हैंडलिंग, पैसेंजर हैंडलिंग/ग्राउंड ड्यूटी, एयरक्राफ्ट अपीयरेंस, कार्गो हैंडलिंग सर्विस, मैनपावर साल्यूशन, ग्राउंड सर्विस इक्विपमेंट मेंटिनेंस, कंसल्टेंसी आदि किसी भी एरिया में अच्छा करियर बना सकते हैं।
कोर्स एवं योग्यता: यदि आप एविएशन सेक्टर में पायलट बनने की सोच रहे हैं, तो एक अच्छी खबर यह है कि एअर इडिया भी युवाओं को पायलट की ट्रेनिंग देने के लिए एक नया पायलट ट्रेनिंग संस्थान खोलने जा रही है, जहां दूसरे संस्थानों की तुलना में ज्यादा बेहतर तरीके से इसकी ट्रेनिंग करने का मौका मिलेगा। वैसे, अभी इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी, रायबरेली (उप्र) समेत कई संस्थानों में कामर्शियल पायलट लाइसेंस (सीपीएल) कोर्स तथा बीएससी (एविएशन) डिग्री जैसे कोर्स कराए जा रहे हैं। यह पायलट ट्रेनिंग कोर्स करने के लिए फिजिक्स, मैथ व इंग्लिश विषय के साथ 12वीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इसमें सीपीएल कोर्स एक वर्ष की अवधि का है, जबकि बीएससी (एविएशन) कोर्स तीन वर्ष की अवधि का है। इसी तरह एयरलाइंस में केबिन क्रू बनने के लिए विभिन्न संस्थानों द्वारा एयरहोस्टेस या फ्लाइट स्टीवर्ड के कोर्स भी कराए जा रहे हैं। यह कोर्स करने के लिए युवाओं की पर्सनैलिटी आकर्षक होने के साथ-साथ कम्युनिकेशन स्किल अच्छी होनी चाहिए। एविएशन के क्षेत्र में एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) भी एक अच्छा करियर विकल्प माना जाता है।
इनका मुख्य काम जहाजों की गतिविधियों पर नजर रखना होता है। बिना इनकी अनुमति के न तो कोई विमान एयरपोर्ट पर उतर सकता है और ना ही उड़ान भर सकता है। इन पदों के लिए न्यूनतम योग्यता ग्रेजुएशन है। इसी तरह, आप चाहें तो एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस इंजीनियर के रूप में भी करियर बना सकते हैं। ये प्रोफेशनल विमानों में आई तकनीकी खराबी को ठीक करते हैं और उनकी मरम्मत करते हैं। यह एक टेक्निकल पद होता है। इसके लिए एयरोनाटिकल इंजीनियरिंग या एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस की डिग्री होनी चाहिए। साइंस स्ट्रीम से 12वीं पास युवा यह कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा, इस क्षेत्र में ग्राउंड ड्यूटी स्टाफ सहित फ्लाइट डिस्पैचर, ग्राउंड इंस्ट्रक्टर, फेसिलिटेटर जैसे और भी कई पद होते हैं, जिसके लिए इनसे संबंधित शार्ट टर्म कोर्स किए जा सकते हैं।
आकर्षक है सैलरी पैकेज : एविएशन सेक्टर में पदों के अनुसार अलग-अलग सैलरी पैकेज मिलता है। देश में पायलट को शुरुआत में 15-20 लाख रुपये से लेकर दो करोड़ रुपये वार्षिक के साथ उड़ान के घंटों के अनुसार भत्ते भी मिलते हैं। ग्राउंड ड्यूटी स्टाफ को अभी औसतन पांच लाख रुपये तक सालाना सैलरी आफर हो रही है, जबकि एयरहोस्टेस को पांच-छह लाख से लेकर 12 लाख रुपये सालाना तक पैकेज मिल जाता है। वहीं, एक एयरोनाटिकल इंजीनियर की औसत वार्षिक सैलरी आठ लाख रुपये तक है। इस सेक्टर में अच्छी सैलरी मिलने के अलावा मुफ्त में घूमने-फिरने जैसी ढेरों सुविधाएं भी मिलती हैं।
प्रमुख संस्थान
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी, रायबरेली
http://igrua.gov.in
इंडियन इंस्टीट्यूट आफ एअरोनाटिकल साइंस, कोलकाता
http://iias-kolkata.tripod.com
इंडियन इंस्टीट्यूट आफ एअरोनाटिकल इंजीनियरिंग, देहरादून
एविएशन में नौकरियों की भरमार
देश की एविएशन इंडस्ट्री अब तेजी से आगे बढ़ रही है। सभी एयरलाइन कंपनियां अपने लिए बड़ी संख्या में जहाजों के आर्डर दे रही हैं। किराया पहले से बहुत कम होने और कम समय में गंतव्य पर पहुंच जाने के कारण बड़ी संख्या में लोग अब विमानों से चलना पसंद कर रहे हैं। हवाई अड्डों पर बढ़ती भीड़ से इसे समझा जा सकता है। इसे रोजगार के पहलू से देखें, तो इतनी बड़ी संख्या में जहाजों की खरीद के जो आर्डर दिये जा रहे हैं, उससे हर एयरलाइनर को कम से कम 12 से 14 पायलट की आवश्यकता होगी। एयरहोस्टेस, स्टीवर्ड, ग्राउंड हैंडलिंग, कार्गो मैनेजमेंट, एयरपोर्ट मैनेजमेंट तथा इमरजेंसी सेवाओं के लिए भी स्टाफ चाहिए। जहाजों की खरीद के अलावा तमाम एयरपोर्ट का नवीनीकरण होने से भी रोजगार पैदा होंगे। युवाओं को इस फील्ड में आने के लिए फिजिकली तथा मेडिकली फिट होना चाहिए। अगर आप साइंस से इंटरमीडिएट हैं तो नौकरी का दायरा और बढ़ जाता है। साथ ही, हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए।