प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अगले पांच वर्ष के लिए बढ़ाया

चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया कि कोरोना महामारी के समय शुरू की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) को अगले पांच वर्ष के लिए बढ़ाया जाएगा। अगले 5 सालों तक गरीबों को फ्री में राशन मिलता रहेगा। मोदी ने कहा कि मैंने तय किया था कि किसी गरीब को भूखे नहीं सोने दूंगा। मैंने निश्चय कर लिया है कि देश के 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन देने वाली योजना को BJP सरकार अगले पांच साल के लिए और बढ़ाएगी। यह योजना दिसंबर में पूरी हो रही थी और 2020 के बाद से ही इस योजना को लगातार बढ़ाया जा रहा है। अब इसे और 5 साल बढ़ाने का ऐलान हुआ है। पांच राज्यों के चुनाव के बीच इस ऐलान से बीजेपी को क्या इसका चुनावी फायदा मिल सकता है। कई राजनीतिक विश्लेषक विधानसभा चुनावों के साथ ही लोकसभा चुनाव के लिए भी पीएम मोदी का इसे मास्टर स्ट्रोक बता रहे हैं।
80 करोड़ की आबादी को फ्री राशन
भारत समेत जब दुनिया के कई देशों में कोरोना महामारी फैली थी उसके बाद केंद्र की मोदी सरकार की ओर से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत की गई। इस योजना की शुरुआत 30 जून 2020 को की गई थी। कोरोना के समय लॉकडाउन लगा था और कई पाबंदियां थीं। गरीबों के सामने खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया था। ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार की ओर से इस योजना की शुरुआत गई। इस योजना को लगातार बढ़ाया जा रहा है। 5 किलो राशन के लिए कोई पैसा नहीं लिया जाता है। बीजेपी की केंद्र में सफलता के पीछे उज्जवला योजना का काफी योगदान माना गया लेकिन अब धीरे-धीरे फ्री राशन योजना का भी फायदा उसे कई राज्यों में मिला है। बिहार चुनाव में बीजेपी को इसका फायदा मिला तो वहीं यूपी में जहां सपा जातीय समीकरण के सहारे बीजेपी को घेर रही थी तो मुफ्त राशन भी मुद्दा बना। प्रधानमंत्री ने एक रैली में खुद इसका जिक्र किया। नतीजों में वह बात दिखी। यूपी में बीजेपी की सफलता के पीछे लॉ एंड ऑर्डर के साथ फ्री राशन योजना को भी देखा गया।
2024 को ध्यान में रखा गया
जैसा जिक्र किया कि कई राज्यों में बीजेपी को इसका फायदा मिला है। 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के साथ ही इस ऐलान को लोकसभा चुनाव के साथ भी जोड़कर देखा जा रहा है। 2019 में जब केंद्र में दोबारा से मोदी सरकार आई तब इसके पीछे उज्जवला योजना का काफी योगदान माना गया। ठीक वैसे ही जैसे यूपीए सरकार की 2009 में वापसी हुई थी और तब मनरेगा योजना का लाभ उसे मिला। पांच राज्यों के चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में काफी कम वक्त बचा है और केंद्र के इस फैसले का लाभ बीजेपी को मिल सकता है। प्रधानमंत्री स्वयं इस योजना का जिक्र कई चुनावी मंचों पर कर चुके हैं। उज्जवला योजना 2019 के चुनाव में गेमचेंजर साबित हुई तो क्या 2024 के चुनाव में फ्री राशन वाली योजना बीजेपी के लिए वैसी ही कारगर रहेगी।
विपक्ष की गारंटियों को काउंटर करना
बीजेपी को कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने मात दी। कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के पीछे कई चुनावी वादों का अहम रोल रहा। कांग्रेस पार्टी की सफलता के पीछे 5 गारंटी का अहम रोल रहा। इस पांच गारंटी में हर परिवार को 200 यूनिट फ्री बिजली, ग्रेजुएट बेरोजगार को हर महीने 3 हजार रुपये, हर परिवार की महिला को 2 हजार रुपये का मासिक भत्ता, हर महिला को सरकारी बसों में मुफ्त सफर की सुविधा और गरीबों के मुफ्त दस किलोग्राम अनाज। कांग्रेस ऐसी ही गारंटी दूसरे राज्यों में भी पेश कर रही है। कांग्रेस के साथ ही आम आदमी पार्टी और दूसरे राजनीतिक दलों की ओर से भी कई चुनावी वादे किए जा रहे हैं। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के भीतर भी ऐसी चर्चा है कि लोकसभा चुनाव में राज्यों की लोकप्रिय योजनाओं को शामिल करके लोकसभा चुनाव में पेश किया जाए। ऐसे में बीजेपी के इस कदम को विपक्षी दलों की ‘गारंटी’ को काउंटर करने के तौर भी देखा जा रहा है।