ब्रेकिंग
10 न. मार्केट परीसर पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम मे मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई ,,विश्व हिंदू महासंघ के द्वारा पश्चिम बंगाल में हिंदू के ऊपर हो रहे अत्याचार के विरोध में राष्ट्रपति... फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप की टिप्पणी पर विवादः ब्राह्मण समाज ने सार्वजनिक शौचालयों में लगाई अनुराग... निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने अध्यक्ष निधि से कराये जा रहे विभिन्न विकास कार्यों हेतु चित्रगुप्त नग... यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी के मार्गदर्शन में भ... अन्त्योदय और सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर से ही प्रेरित व... विशेष बच्चों के लिए समर्पित तक्षशिला इंस्टीट्यूट का पहला साल 10 नंबर नेहरू मार्केट में सिंधी समाज के नव वर्ष चैती चांद को हर्ष उल्लास से मनाया गया पूर्व बी.डी.ए अध्यक्ष, पूर्व विधायक के निज निवास पहुंच कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए मध्य प्रदेश में ब्राह्मणों पर हमलों का मुद्दा गरमाया
हेल्थ

इस जानलेवा बीमारी के शिकार हो रहे हैं भारतीय, WHO ने कहा- दुनिया में सबसे ज्यादा मरीज

विश्व स्वास्थ्य संगठन के जारी किए गए एक आंकड़े के मुताबिक, वर्ष 2022 में ट्यूबरक्लोसिस जिसे सामान्य भाषा में टीबी कहते हैं, के दुनियाभर में 75 लाख (7.5 मिलियन) मामले दर्ज किए गए हैं। वैश्विक स्तर पर तेजी से फैल रही इस बीमारी के कारण दुनिया में दूसरे नंबर पर सबसे अधिक मौतें हो रही हैं। वहीं डब्ल्यूएचओ के आंकड़े के मुताबिक, टीबी के सबसे अधिक मामले भारत में सामने आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में भारत में 28.2 लाख टीबी के मामले सामने आए थे। हालांकि 2015 से 2022 के बीच टीबी के मामलों में कुछ गिरावट दर्ज की गई थी।

सबसे अधिक टीबी के मामले भारत में

भारत के अलावा कई देशों में टीबी तेजी से फैल रही बीमारी बन चुकी हैं। इसमें इंडोनेशिया में 10 फीसदी, चीन में 7 फीसदी, पाकिस्तान में 5.7 प्रतिशत, नाइजीरिया में 4.5 फीसदी और बांग्लादेश में 3.6 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए थे। केवल भारत, इंडोनेशिया और फिलीपिंस में सबसे अधिक टीबी के रोगी हैं। भारत, इंडोनेशिया और फिलीपींस के रोगियों को मिलाकर दुनियाभर का 60 फीसदी आंकड़ा होता है, जो कि 2020 और 2021 में नए रिपोर्ट किए गए।

3 लाख से अधिक लोगों की मौत का कारण टीबी

रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में टीबी के कारण लगभग 3 लाख 42 हजार लोगों की मौत हुई थी। इसमें से 3 लाख 31 लोग एचआईवी नेगेटिव थे और 11 हजार लोगों को एचआईवी संक्रमण था। मरने वाले रोगियों में से बहुत लोगों को टीबी का सही इलाज नहीं मिला और कुछ को समय पर इलाज नहीं मिल पाया। यह रिपोर्ट टीबी निदान और उपचार सेवाओं के पैमाने में एक महत्वपूर्ण विश्वव्यापी सुधार को रेखांकित करती है। कोविड-19 के हानिकारक प्रभावों को दूर करने के लिए एक उत्साहजनक प्रवृत्ति को दर्शाती है।

डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अदनोम कहते हैं हमारे पूर्वज टीबी से पीड़ित थे और इस बीमारी के कारण और बचाव के बारे में बिना जानकारी मर गए। हालांकि आ हम इस रोग के बारे में सबकुछ जानते हैं। हमारे पास वह अवसर है जो हमसे पहले की पीढ़ी के पास नहीं था।

टीबी और कोविड

2020 से 2022 के बीच कोविड 19 के प्रभाव के परिणामस्वरूप करीब हजारों लोगों की मौत टीबी से हो गई, जो सामान्य दर्ज आंकड़ों से अधिक थी। एचआईवी पीड़ितों के लिए टीबी मौत का सामान्य कारक भी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button
Don`t copy text!