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कैलाश गहलोत खुद को बताया था केजरीवाल का हनुमान
दिल्ली की आतिशी सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत में रविवार को पद और पार्टी दोनों से इस्तीफा दे दिया। नजफगढ़ से 2 बार विधायक चुने गए गहलोत को हाल ही में दूसरी बार दिल्ली की आप सरकार में मंत्री बनाया गया था। गहलोत के इस्तीफे को दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। केजरीवाल के इस्तीफे के बाद सितंबर 2024 जब आतिशी को मुख्यमंत्री बनाया गया था तब कैलाश गहलोत के पास परिवहन, कानून, न्याय और विधायी मामले, सूचना और प्रौद्योगिकी, प्रशासनिक सुधार जैसे बड़े विभाग सौंपे गए। इस समय उन्होंने खुद को केजरीवाल का हनुमान बताया था और कहा कि उनके सभी लंबित कार्यों को करूंगा पूरा।
क्यों छोड़ी पार्टी : मुख्यमंत्री आतिशी को लिखे पत्र में नजफगढ़ से विधायक गहलोत ने तत्काल प्रभाव से मंत्रिपरिषद से अपना इस्तीफा दे दिया। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को अलग से लिखे एक पत्र में गहलोत ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी अपना इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने त्यागपत्र में हाल में हुए विवादों और अधूरे वादों का हवाला दिया।
गहलोत ने आरोप लगाया कि लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय, आप अपने खुद के एजेंडे के लिए लड़ने में व्यस्त है, जिससे दिल्ली वालों को बुनियादी सेवाओं की आपूर्ति रुक गई है। पार्टी को शीशमहल जैसे शर्मनाक विवादों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय, आप अपने खुद के एजेंडे के लिए लड़ने में व्यस्त है, जिससे दिल्ली वालों को बुनियादी सेवाओं की आपूर्ति रुक गई है। इस बीच आप नेताओं ने दावा किया कि गहलोत पर भाजपा ने ईडी, सीबीआई के माध्यम से दबाव बनाया था। उनके पास कोई विकल्प नहीं था।